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दीर्घ कालीन ऋण योजना -उच्च शिक्षा हेतु ऋण , ट्रक्टर एवं यंत्र क्रय हेतु ऋण , आवास हेतु ऋण की विस्तृत जानकारी

दीर्घावधि ऋण

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छ.ग. द्वारा स्वीकृत किये जाने वाले ऋण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के द्वारा मुख्य रूप से तीन प्रकार के ऋण स्वीकृत किये जाते हैं :
  • अल्पावधि ऋण :- एक वर्ष के लिए
  • मध्यमकालीन ऋण :- तीन से सात वर्षों के लिए
  • दीर्घकालीन ऋण :- नौ एवं अधिक वर्षों के लिए
जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक छ.ग. द्वारा स्वीकृत किये जाने वाले ऋण समिति एवं बैंक द्वारा निम्न मदों में दीर्घावधि ऋण दिया जावेगा । दीर्घावधि ऋण का यूनिट कास्ट अपेक्स बैंक एवं नाबार्ड के निर्देशानुसार होगा, किन्तु ऋण अदायगी की अवधि निम्नानुसार होगी-







 नलकूप एवं सबमर्सिबल पम्प के लिए ऋण हेतु नियम एवं शर्ते :-


01. आवेदक को सहकारी समिति का अकालातीत सदस्य होना आवश्यक है । 
02. कृषक के पास 2.25 एकड़ भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है।
03. स्वयं की भू-स्वामित्व भूमि का चालू वर्ष का बी वन तथा पांचसाला खसरा की नकल, जिसमें गत पांच वर्षो का कृषि कार्य का विवरण हो ।
04. पटवारी द्वारा भूमि का नक्शा जिसमें लाल स्याही से नलकूप खनन स्थान को चिन्हित किया होना चाहिए ।
05. अधिकृत डीलर से ही कोटेशन लिया जावे एवं कोटेशन में कृषक का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है।
06. नलकूप खनन हेतु भू-जल उपलब्धता प्रमाण पत्र देना होगा।
07. नलकूप खनन हेतु एक नलकूप से दूसरे नलकूप से न्यूनतम दूरी कम से कम 250 मीटर होना चाहिए. कृषि विभाग की दूरी प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा।
08 विद्युत विभाग का प्रमाण पत्र आवश्यक है ।
09. ऋण स्वीकृति का उल्लेख किसान के ऋण पुस्तिका में किया जाना अनिवार्य होगा। 
10. पम्प का बीमा अनिवार्य है, प्रति वर्ष नवीनीकरण कराना होगा।
11. क्षेत्र की अन्य बैंकों का ऋण न होने का प्रमाण पत्र देना होगा।
12. नलकूप सफल होने पर ही सबमर्सिबल पम्प ऋण दिया जावेगा ।
13.मध्यमकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण, नाबालिग खातेदार व आम मुखतियारनामा में नहीं दिया जावेगा। 
14. कृषक को ऋण के किश्त अनुसार अग्रिम चेक प्रस्तुत करना होगा ।

सामान्य ट्रैक्टर / ट्राली हेतु ऋण प्रदाय करने के नियम:-


आवेदक को समिति का सदस्य होना अनिवार्य है ।

आवेदक के पास स्वयं की न्यूनतम कृषि भूमि निम्नानुसार तीन स्थितियों में कोई एक होना चाहिए :- 
(अ) 6 एकड़ भूमि 12 माह सिंचित (2 फसली) अथवा
ब) 9 एकड़ भूमि
(स) 18 एकड़ भूमि एक फसली अथवा असिंचित, पट्टा, बटाई अथवा रेग पर ली गई जमीन पर ऋण स्वीकृत नहीं होगा ।

कृषक के पास उपरोक्त निर्धारित सीमा से भिन्न जमीन होने पर असिंचित जमीन की न्यूनतम सीमा 18 एकड़ को आधार मानते हुए दो फसली जमीन का गुणांक 3.00, एक फसली जमीन का गुणांक 2 लेते हुए, असिंचित जमीन के समतुल्य रकबा निकाला जावेगा। अगर समतुल्य असिंचित रकबा 18 एकड़ अथवा उससे अधिक होता है तो ट्रैक्टर ऋण हेतु कृषक को पात्र माना जावे, उदाहरण निम्न है:-







चूंकि समतुल्य असिंचित रकबा 46.00 एकड़ आ रहा है, जो 18 एकड़ असिंचित जमीन से अधिक है। अतः ऐसे कृषक को भी टैक्टर ऋण के लिए पात्र माना जावेगा ।

आवेदक को स्वयं की भू-स्वामी वाली भूमि के चालू वर्ष का बी-1 तथा पांचसाला खसरा की प्रतिलिपि प्रस्तुत करना होगा। साथ ही विगत 5 वर्षो से उक्त भूमि पर कृषि कार्य किया जा रहा है, यह प्रमाणित करना होगा।

  • ट्रैक्टर / ट्राली हेतु आवेदक को सहकारी समिति के माध्यम से 9 वर्षीय दीर्घकालीन ऋण स्वीकृत किया जावेगा। 
  • कोटेशन का 90 प्रतिशत या अधिकतम राशि रूपये 8.00 लाख स्वीकृत होगा, शेष 10 प्रतिशत मार्जिन कृषक को जमा करना होगा। 
  • ऋण स्वीकृति कृषक के ऋण शोधन क्षमता के आधार पर ही किया जावेगा ।
  • मुख्य कार्यालय में प्रकरण प्राप्त होने के बाद ट्रैक्टर के मेक के संबंध में या कोई अन्य बदलाव नहीं होगा, अतः शाखा से प्रकरण पूर्णतः जांच के बाद भेजा जायेगा  ।
  • आवेदक को स्वीकृत ऋण का 5 प्रतिशत अंशपूंजी संबंधित सहकारी समिति का क्रय करना होगा । आवेदक को ऋण लेने के पूर्व अपनी कृषि भूमि को समिति के पक्ष में सम्यक बंधक करना होगा, बंधकनामा प्रारूप, आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा ।
  • क्रय किये गये टैक्टर-ट्राली व अन्य सामग्री समिति के पक्ष में बंधक रहेगा एवं ट्रैक्टर-ट्राली में बंधक का उल्लेख किया जावेगा ।
  • आवेदक ऋण की पूर्ण अदायगी तक बंधक जमीन को बेच नहीं सकेगा, न ही बंटवारे से हस्तान्तरित कर सकेगा।
  • आवेदक किसी अन्य बैंक का कालातीत ऋणी न हो।
  • स्वीकृत ऋण पर ब्याज दरें वही होगी, जो समय-समय पर नाबार्ड / अपेक्स बैंक / जिला सहकारी बैंक / पंजीयक द्वारा निर्धारित होगा ।
  • खरीदे गये ट्रैक्टर / ट्राली का बीमा कराना अनिवार्य होगा ।

 उच्च शिक्षा हेतु ऋण नियम:-


तकनीकी समूह की बैठक दिनांक 09.09.2003 में स्वीकृत एवं संचालक मंडल की बैठक दिनांक 09. 12.03 में अनुमोदित अनुसार शिक्षा हेतु जिले के प्रतिभा शाली छात्र / छात्राओं को महाविद्यालय एवं उच्च शिक्षा हेतु ऋण सहायता की योजना तेयार किया गया है , जिसमे ऋण वितरण के योजना के नियम निम्नानुसार है :_


1 ) ऋण का उददेश्य 

जिले के ग्रामीण / शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहे प्रतिभाशाली छात्र / छात्राओं को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिल होने हेतु प्रोत्साहित करना जिसके तहत निम्न कार्यों हेतु ऋण दिया जावेगा ।

(अ) शैक्षणिक शुल्क, हॉस्टल शुल्क एवं फीस इत्यादि ।

(ब) पुस्तकें एवं उपकरणों की खरीदी हेतु ।

2 ) ऋण हेतु पात्रता :-


(अ) योजनान्तर्गत छात्र / छात्राओं को व्यवसायिक पाठ्यक्रम तथा इंजीनियरिंग, चिकित्सा, मैनेजमेन्ट एवं अन्य तकनीकी डिग्री / मास्टर पाठ्यक्रम में प्रवेश का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर ही ऋण की पात्रता होगी अथवा जिनका ऐसे पाठ्यक्रमों हेतु निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने के पष्चात ही चयन हुआ हो और उनके द्वारा अर्हतायें प्राप्त की गई हो :-

1. सामान्य वर्ग

2. अन्य पिछडा वर्ग

3. अनुसूचित जाति / जनजाति

कम से कम प्रथम श्रेणी

कम से कम द्वितीय श्रेणी

पास मार्क

(ब) योजनान्तर्गत ऋण अभिभावक / संरक्षक को ऋण भुगतान क्षमता के आधार पर ही दिया जावेगा । (स) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के कार्य क्षेत्र में रहने वाले छात्र / छात्राओं को ऋण लेने की पात्रता होगी। (द) अभिभावकों को ऋण / भुगतान क्षमता का आंकलन निम्नानुसार किया जावेगा :-

(1) वैतनिक अभिभावक :-

(क) वैतनिक अभिभावक को अपने नियोक्ता से ऋण राशि के किस्त राशि के ऋण अदायगी हेतु निर्धारित किश्त नियमित रूप से वेतन से कटौती करने एवं बैंक को निर्धारित समयावधि में प्रेषण के संबंध में, अधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर सहित प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा।

(ख) अभिभावक को प्राप्त शुल्क वेतन के 8 गुने तक ऋण स्वीकृत किया जावेगा ।

(2) व्यवसायरत अभिभावक :- व्यवसाय, कृषि एवं अन्य कार्यों में संलग्न अभिभावकों को व्यवसाय से प्राप्त हो रही आय का तथ्यात्मक विवरण, आयकर एवं विक्रयकर भुगतान का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा एवं कुल आय के 1/3 को ही ऋण भुगतान क्षमता के रूप में ग्राह्य किया जावेगा ।

3) ऋण की सीमा :- 

ऋण की सीमा न्यूनतम 500000/- रू. से 700000/- रू. अधिकतम तक होगी।

4) ब्याज दर :-


1. उपरोक्त ऋण की ब्याज दर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस संबंध में जारी निर्देशों के अनुसार 

2. ऋण राशि पर ब्याज की गणना अर्द्धवार्षिक आधार पर की जावेगी एवं ब्याज की वसूली (ऋण के साथ) बचत खाते से नाम कर की जावेगी । 

3.ऋणी को ब्याज एवं किश्त की वसूली हेतु पर्याप्त राशि अपने बचत खाते में रखना होगा। पर्याप्त राशि न रखने पर ब्याज की वसूली ऋण खाते में नामे कर दी जावेगी ।

5) मार्जिन :-


  1. योजनान्तर्गत छात्र/छात्राओं को पूर्ण शिक्षा हेतु अनुमानित खर्चे के मूल्य का 80 प्रतिशत तक ऋण स्वीकृत किया जावेगा ।
  2. योजनान्तर्गत ऋण अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए दिया जावेगा एवं ऋण की वसूली 60 मासिक किश्तों में की जावेगी ।
  3.  शाखा प्रबंधक उपयुक्त स्थिति में ऋण अवधि 3 वर्ष तक घटाने हेतु स्वतंत्र होंगे।
  4. ऋण की प्रथम किश्त छात्र के दाखिले अथवा ऋण भुगतान के 3 माह की अवधि के पश्चात देय होगी।
  5. ऋण भुगतान में चूक की दशा में ऋणी को निर्धारित ब्याज दर से 2 प्रतिशत अधिक वार्षिक दर से दण्ड ब्याज देय होगा । 
  6. दण्ड ब्याज की वसूली कालातीत ऋण की किश्त पर भुगतान दिनांक तक की जावेगी ।

6) प्रतिभूति :-


व्यावसायिक अभिभावकों को जमानत के रूप में अचल संपत्ति का साम्यिक बंधक कराना होगा । जमानत के रूप में अचल सम्पत्ति न होने की स्थिति में अभिभावक अपनी जमा राशि की रसीद, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, इंदिरा विकास पत्र जो कि बैंक के पक्ष में पृष्ठांकित किये गये हो जमानत के रूप में प्रस्तुत कर सकेंगे। उक्त जमानतों की अवधि ऋण भुगतान की अवधि तक होनी चाहिए । वैतनिक अभिभावकों द्वारा नियोक्ता की गारंटी न देने की स्थिति में जमानत के रूप में अचल सम्पत्ति को साम्यिक बंधक कराकर अथवा जमा राशि की रसीद, राष्ट्रीय बचत पत्र, इंदिरा विकास पत्र जो कि बैंक के पक्ष में पृष्ठांकित हो, जमानत के रूप में प्रस्तुत कर ऋण प्राप्त कर सकेंगे। ऋणी द्वारा कम से कम एक व्यक्ति जो कि बैंक को मान्य हो, की गारंटी निर्धारित प्रारूप की जावेगी ।

अन्य शर्तें :-


  • अभिभावकों को यह घोषणा पत्र देना होगा कि उपरोक्त उद्देश्य हेतु अन्य किसी भी बैंकों से ऋण प्राप्त नहीं किया गया है। 
  • ऋण की राशि का भुगतान बैंक द्वारा सीधे संबंधित शिक्षण संस्थान या पुस्तक / उपकरण विक्रेता आदि को किया जावेगा। 
  • योजनार्न्तगत एक परिवार के अधिकतम दो छात्रों हेतु ही ऋण दिया जावेगा।
  • ऋण अभिभावक एवं छात्र के संयुक्त नाम से दिया जावेगा।
  •  इस हेतु बैंक द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र, एग्रीमेन्ट/प्रोनोट आदि भरकर देना होगा। ऋणी को बैंक का नाम मात्र का सदस्य बनाना होगा। 
  • इन नियमों के अंतर्गत ऋण की अर्हता संबंधी पूर्णतः ऋण स्वीकृत करने वाले अधिकारी के विवेक पर निर्भर होगा, जिस पर किसी को किसी भी प्रकार की आपत्ति करने का अधिकारी नहीं होगा । 
  • मु.का. की स्वीकृति पर ऋण भुगतान करने का अधिकार बैंक के शाखा प्रबंधक को होगा, शाखा प्रबंधक की अनुपस्थिति में शाखा प्रबंधक के दायित्व का निर्वहन कर रहा होगा ।
  • यह ऋण बैंक के कर्मचारियों के पुत्र / पुत्रियों को उच्च शिक्षा हेतु भी दिया जा सकेगा।

उपरोक्त नियमों में संशोधन अथवा परिवर्तन करने का अधिकार बैंक के पास निहित होगा, जो कि ऋण लेने वाले व्यक्ति को भी मान्य होगा ।

आवास ऋण (सामान्य हेतु)


आवास ऋण योजना के अन्तर्गत आवास निर्माण भूखण्ड क्रय परिवर्तन मरम्मत हेतु ऋण दिया नियम एवं शर्तों का विवरण निम्नानुसार है:-


पात्रता:- 

  • पात्रता का अर्थ नगरपालिका, नगर निगम क्षेत्रों के शासकीय, अशासकीय एवं निजी संस्थाओं के वेतनभोगी कर्मचारी एवं आयकरदाता हितग्राहियों को आवास ऋण योजना के अंतर्गत एक व्यक्ति जो कि संविदा करने के योग्य है अर्थात अवयस्क दिवालिया अथवा पागल ना हो ऋण मकान क्रय, मकान निर्माण हेतु ऋण की पात्रता लेने हेतु पात्र होंगे। 
  • आवेदक का बैंक में बचत खाता होना आवश्यक है। 
  • ऋण हेतु आवेदक को बैंक का नाम मात्र का सदस्य बनना अनिवार्य होगा। 
  • आवेदक का उम्र 18 वर्ष से कम व 55 वर्ष से अधिक नहीं होना चाहिए। 

ऋण की सीमा --


(अ) आवास निर्माण अथवा खरीदी हेतु अधिकतम ऋण सीमा 20.00 लाख रु. होगी। (ब) आवेदक को निम्न मार्जिन पर ऋण प्रदाय किया जा सकेगा:-

ऋण राशि-अनुमानित लागत में हितग्राही का मार्जिन

500000.00 -10 प्रतिशत

1000000.00-20 प्रतिशत

2000000.00 -25 प्रतिशत



ऋण की अवधि 

ऋण अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए स्वीकृत किया जा सकेगा जिसमें अधिकतम 12 माह का मोरेटेरियम अवधि भी सम्मिलित है।

ऋण पर ब्याज दर एवं गणना:-


1.ऋण पर बैंक द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित ब्याज दर प्रभारित की जावेगी ।

२.ऋण पर ब्याज की गणना इक्वेटेड इन्सटालमेंट के आधार पर की जावेगी एवं ब्याज की वसूली प्रतिमाह की जावेगी ।

३.वेतनभोगी एवं अन्य हितग्राही अपने बचत खाते में कम से कम मासिक किश्त के बराबर राशि बैंक को देना होगा। निर्धारित तिथि पर ऋण की अदायगी नहीं करने पर ब्याज के अतिरिक्त 2 प्रतिशत दण्ड ब्याज चूक करने की तिथि से किश्त भुगतान करने की तिथि तक वसूल किया जावेगा ।

ऋण की प्रतिभूतिः-


1.स्वीकृत ऋण से खरीदी गई अथवा निर्माण की गई सम्पत्ति का बंधक कराना आवश्यक होगा एवं मूल दस्तावेज बैंक के पास जमा करना होगा ।

2.ऋणी को उपरोक्त के अतिरिक्त जमानतदार प्रस्तुत करना होगा, जिसकी सम्पत्ति का मूल्य ऋण राशि के बराबर हो ।
3.वेतनभोगी कर्मचारियों को नियोक्ता का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

ऋण का भुगतान:-


  • आवास क्रय की स्थिति में ऋण राशि का भुगतान सीधे विक्रयदाता को किया जावेगा । 
  • आवास निर्माण हेतु ऋण का भुगतान 3 किश्तों पर किया जावेगा ।

बीमा:- 

बैंक ऋण से क्रय किये गये अथवा निर्माण किये गये आवास का बीमा एवं हितग्राही का बीमा ऋणी एवं बैंक के संयुक्त नाम से कराना आवश्यक होगा। बीमा प्रीमियम की राशि ऋणी के ऋण खाते नामे कर भुगतान किया जावेगा ।

दस्तावेज:-

  1. आवेदन पत्र
  2. भूखण्ड एवं भवन की रजिस्ट्री की मूलप्रति
  3. नगर निगम, नगर पालिका द्वारा स्वीकृत मानचित्र
  4. भवन का अनुमानित लागत पत्रक, क्रय करने की दशा में भवन का मूल्यांकन
  5. मूल स्वामित्व की रजिस्ट्री एवं सम्पत्ति का भारमुक्तता प्रमाण पत्र
  6. मासिक आय के संबंध में विभागीय अधिकारी का प्रमाण पत्र, आयकर विवरणी का 3 वर्ष का विवरण
  7. भूखण्ड / मकान के संबंध में भारमुक्त प्रमाण पत्र
  8. जमानतदार की सम्पत्ति का मूल दस्तावेज की छायाप्रति एवं मूल्यांकन रिपोर्ट

ऋण स्वीकृति पश्चात निर्धारित दस्तावेज निष्पादन का विवरण:-


(1)माग वचन पत्र

(2)अविच्छिन्नता पत्र

(3)गारन्टी दाताओं का करार

(4)साम्यिक बंधक हेतु निर्धारित दस्तावेज

(5)वेतनभोगी आवेदक से अधिकार पत्र |



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