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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु किसानों के सहायतार्थ प्रश्नोत्तरी और खरीफ 2022 एवं रबी 2022-23 हेतु महत्पूर्ण सूचना


प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)

किसान भाई-बहनों के लिए आवश्यक सूचना"

भारत सरकार की इस योजना को छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड' द्वारा रबी वर्ष  2022-23 में छत्तीसगढ़ के 20 जिलों (बालोद, बलौदा बाजार, बेमेतरा, दन्तेवाड़ा धमतरी दुर्ग, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, कोरवा, कोरिया, महासमुन्द नारायणपुर, रायगढ़, राजनांदगांव सरगुजा, सुकमा, सूरजपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली) में संचालित की जा रही है।

अधिसूचित फसलें : 

खरीफ 
धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर (अरहर), मूंग, उड़द ग्राम स्तर पर ।

रवी: 
चना, गेहूं सिंचित, गेहूं असिंचित, राई सरसों एवं अलसी ग्राम स्तर पर।


योजना की विशेषताएँ

● आवरण किये जाने वाले किसान: अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल उगाने वाले सभी किसान ।

ऋणी किसान: 

ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हे भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र खरीफ के लिये 08-07-2022 तक एवं रबी के लिये 08-12-2022 तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा, अन्यथा संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम के लिए स्वीकृत/नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रूप से बीमाकृत किया जायेगा। 
ऋणी कृषक बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं इसके लिये खरीफ मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 जुलाई एवं रबी मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर से दो दिवस पूर्व इस बात की सूचना संबंधित बैंक शाखा में दे सकते हैं।

अऋणी किसान: 

अधिसूचित फसल लगाने वाले सभी अऋणी किसान को प्रस्ताव पत्र के साथ निम्न दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।




जरूरी दस्तावेज: 

1) नवीनतम आधार कार्ड की कॉपी, 2) नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र (बी-1, पी-2) की कॉपी, 3) बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर / आईएफएससी कोड / बैंक का पता साफ दिख रहा हो, 4) फसल बुवाई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र, 5) किसान का वैध मोबाईल नंबर, 6) बटाईदार / कास्तकार / साझेदार किसानों के लिए फसल साझाा / कास्तकार का घोषणा पत्र |


आवरित जोखिम

अधिसूचित क्षेत्र आधार पर

क) बुवाई / रोपाई नहीं होने पर प्रतिकूल मौसम अवस्थाओं के कारण अधिसूचित क्षेत्र के 75% क्षेत्र में बुवाई न होने पर बीमित राशि का अधिकतम 25% तक क्षतिपूर्ति । केवल धान (सिंचित, असिंचित) एवं चना फसल के लिए लागू है।

ख) फसल कटनी प्रयोग आधार पर प्रत्येक अधिसूचित ग्राम में 04 फसल कटनी द्वारा व्यापक आधार पर आई प्राकृतिक आपदाओं के कारण उपज में होने वाले नुकसान का आंकलन |

अधिसूचित क्षेत्र आधार पर फसल कटाई प्रयोग से क्षति निर्धारण: कृषक के द्वारा प्रीमियम राशि देव मात्र से दावा राशि की पात्रता नही बनती है और न ही अपनी फसल के नुकसान की सूचना यहाँ दें। अकाल, सुखा अनावारी रिपोर्ट के आधार पर निर्धारण किया जाता है। जबकि योजनांतर्गत बीमा दावा का निर्धारण बीमित ग्राम एवं फसल में पटवारी एवं सहकारी समितियाँ। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के द्वारा आयोजित 2-2 (कुल 4 प्रति फसल) फसल कटाई प्रयोग से प्राप्त वास्तविक उपज का निर्धारित वेशहोल्ड उपज से तुलना उपरांत बीमा कंपनी द्वारा देय होता है। जितना प्रतिशत उपज में कमी आती है, उनके मान से दावा राशि प्रदान किया जाता है।


एक खसरा एक फसल एक बीमा




व्यक्तिगत खेत आधार पर




क) स्थानीय आपदाएं ओलावृष्टि, जलप्लावन (धान सिंचित एवं असिंचित फसलो में जलप्लावन से होने वाली क्षति इस घटक में शामिल नहीं है), बादल फटना और प्राकृतिक आकाशीय बिजली के कारण खड़ी फसल का नुकसान होना।




ख) फसल कटाई के उपरान्त नुकसान खेत में काटकर व फैलाकर / छोटे गठरी में बांधकर सुखाने हेतु रखी गयी फसलों को फसल कटाई के पश्चात् केवल 14 दिनों के अधिकतम अवधि में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसमी बारिश से हानि होने की स्थिति में। स्थानीय आपदाएँ एवं फसल कटाई उपरान्त नुकसान होने पर 72 घंटो के भीतर क्लैम करें 



खरीफ 2022 एवं रबी 2022-23 UNI प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु किसानों के सहायतार्थ प्रश्नोत्तरी


प्रश्न_प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?
उत्तर: प्रधानममंत्री फसल बीमा योजना किसानों की फसलों से जुड़े हुए अनपेक्षित प्राकृतिक खथा ओलावृष्टि, सूखा, बाढ, चक्रवात, भारी और बेमौसम बारिश, रोग और कीटों का हमला आदि की वजह से फसलों को हुए नुकसान पर आर्थिक सहायता प्रदान करता है।



प्रश्न फसल बीमा कौन करा सकता है?
उत्तर: सभी ऋणी एवं अऋणी (बटाईदार / कास्तकार / साझेदार) किसान जो राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित की गयी फसलों को उगाते / बोते हैं, बीमा करा सकते हैं। दोनों किसानों के लिए यह योजना स्वैच्छिक है।


प्रश्न इस योजना के अंतर्गत किन-किन फसलों का बीमा किया जा सकता है ?
उत्तर : खरीफ मौसम हेतु अधिसूचित फसलें धान सिंचित, धान असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तुअर (अरहर), मूंग एवं उड़द ग्राम स्तर पर। रबी मौसम हेतु अधिसूचित फसलें गेहूँ सिंचित, गेहूँ असिंचित, चना, राई -सरसों, एवं अलसी ग्राम स्तर पर ।




प्रश्न फसल बीमा कहाँ से कराया जा सकता है ?
उत्तर: 1) निकटतम बैंक शाखा राष्ट्रीयकृत / क्षेत्रीय ग्रामीण / निजी / जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियां (जहां उनका बचत खाता है) 
2) ग्राहक सेवा केन्द्र, (CSC)
3) भारत सरकार की क्रॉप इंश्योरेंस ऐप




प्रश्न बीमा कराने की अंतिम तिथि क्या है ?
उत्तर: ऋणी एवं अऋणी किसानों के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि खरीफ फसलों के लिए 15 जुलाई एवं रबी फसलों के लिए 15 दिसम्बर है।




प्रश्न क्या ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं एवं कब तक
उत्तर: जी हां, ऋणी किसान बीमित फसल में परिवर्तन करा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित खरीफ मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 जुलाई एवं रबी मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर से दो दिवस पूर्व, इस बात की सूचना संबंधित बैंक शाखा में दे सकते हैं।




प्रश्न क्या ऋणी कृषक इस योजना से बाहर हो सकते है एवं कब तक ?
उत्तर: जी हां, ऋणी किसान इस योजना से बाहर हो सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा निर्धारित खरीफ मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 जुलाई एवं रबी मौसम में नामांकन की अंतिम तिथि 15 दिसम्बर से सात दिवस पूर्व, किसान ऑप्ट-आउट फॉर्म भरकर संबंधित बैंक शाखा में जमा करके चालू मौसम के लिए इस योजना से बाहर हो सकते हैं एवं पुनः ऑप्ट-इन फॉर्म भरकर फिर इस योजना से जुड़ सकते हैं।


प्रश्न प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए बीमित राशि क्या होगी ?
उत्तर: बीमित राशि, एक हेक्टेयर जमीन में अधिसूचित फसल को लगाने में लगाई गयी लागत राशि है। फसलवार, जिलावार बीमित राशि अलग-अलग होती है। बीमित राशि का निर्धारण जिलास्तरीय समिति द्वारा फसल के वित्त-मान (Scale of Finance) के आधार पर किया जाता है।

प्रश्न फसल बीमा के लिए किसानों द्वारा देय प्रीमियम दर क्या हैं ? |
उत्तर : खरीफ मौसम के फसलों के लिए बीमित राशि का 2%, रबी मौसम के फसलों के लिए बीमित राशि का 1.5% एवं व्यवसायिक और बागवानी फसलों के लिए बीमित राशि का अधिकतम 5% |


प्रश्न फसल बीमा के लिए अऋणी किसानों को कौन-कौन से दस्तावेज जमा करने होंगे ?
उत्तर: आवश्यक दस्तावेज :- 1) नवीनतम आधार कार्ड की कॉपी, 2) नवीनतम भूमि प्रमाण-पत्र (बी-1 एवं पी-2) की कॉपी, 3) बैंक पासबुक के पहले पन्ने की कॉपी जिस पर एकाउंट नंबर / आईएफएससी कोड / बैंक का पता साफ दिख रहा हो। 4) फसल बुवाई प्रमाण पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र, 5) किसान का वैध मोबाइल नंबर, 6) बटाईदार / कास्तकार / साझेदार किसानों के लिए फसल साझा / कास्तकार (Tenant) का घोषणा पत्र |


प्रश्न प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कौन-कौन से जोखिम शामिल हैं ?

  • अधिसूचित क्षेत्र आधार पर
  • व्यक्तिगत खेत आधार पर
1.स्थानीय आपदाएं ओलावृष्टि, जलप्लावन (धान सिंचित एवं असिंचित फसलों में जलप्लावन से होने वाली क्षति इस घटक में शामिल नहीं है), बादल फटना और प्राकृतिक आकाशीय बिजली के कारण खड़ी फसल का नुकसान होना।
2.बुवाई / रोपाई नहीं होने पर प्रतिकूल | मौसम अवस्थाओं के कारण अधिसूचित क्षेत्र के 75% क्षेत्र में बुवाई न होने पर बीमित राशि का | अधिकतम 25% तक क्षतिपूर्ति केवल धान (सिंचित, असिंचित ) एवं चना फसल के लिए है। लागू

फसल कटनी प्रयोग आधार पर प्रत्येक अधिसूचित ग्राम में 04 फसल कटनी द्वारा | व्यापक आधार पर आई प्राकृतिक आपदाओं के कारण उपज में होने वाले नुकसान का आंकलन ।

फसल कटाई के उपरान्त नुकसान खेत में काटकर व फैलाकर / छोटे गठरो में बांधकर सुखाने हेतु रखी गयी फसलों को फसल कटाई के पश्चात् केवल 14 दिनों के अधिकतम अवधि में ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाती बारिश और बेमौसमी बारिश से हानि होने की स्थिति में।


प्रश्न स्थानीय आपदाओं से फसलों में नुकसान होने पर सूचना किनको दिया जाए ? |
उत्तर: स्थानीय आपदाओं से फसलों में नुकसान होने पर घटना की तिथि से 72 घंटे के अंदर निम्नलिखित कार्यालयों को सूचना दिया जाएं 
1) संबंधित बैंक शाखा : राष्ट्रीयकृत / क्षेत्रीय ग्रामीण/ निजी / जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियां 2 ) लोक सेवा केन्द्र, (CSC)
3) भारत सरकार की क्रॉप इंश्योरेंस ऐप। 
4) जिला / तहसील स्तर के कृषि / राजस्व कार्यालय 
5) बीमा कंपनी का टोल फ्री नम्बर

प्रश्न स्थानीय आपदाओं से फसलों में नुकसान होने पर किन-किन दस्तावेजों को जमा करना होगा ?
उत्तर: 1) बीमा कंपनी द्वारा दिया गया सूचना-सह-दावा प्रपत्र
  • बीमा धारक का विवरण
  • फसल बीमा का विवरण
  • घटना की तारीख, समय एवं नुकसान का सही कारण
  • खेत का पता जहाँ नुकसान हुआ-गांव, ग्राम पंचायत, तहसील, जिला का नाम • बीमित फसल का विवरण जहाँ नुकसान हुआ खाता क्रमांक, खसरा क्रमांक, फसल का नाम, अनुमानित प्रभावित क्षेत्र इत्यादि ।
2) बीमा रसीद 3 ) नवीनतम भूमि प्रमाण पत्र (बी-1, पी-2)
4) फसल के नुकसान / क्षति का फोटो 
5) स्थानीय समाचार-पत्र की कटिंग्स अथवा राज्य सरकार के कृषि विभाग द्वारा किया गया नुकसान की मात्रा की रिपोर्ट (अगर उपलब्ध हो तो)

योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कृषि अधिकारी / राजस्व अधिकारी / बैंक/ CSC एवं ए.आई. सी. क्षेत्रीय / जिला / तहसील कार्यालय से संपर्क करें।

एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड क्षेत्रीय कार्यालय एल.आई.सी. इनवेस्टमेंट बिल्डिंग, फेस-2, द्वितीय तल, पंडरी, रायपुर- 492004 (छ.ग.)

E-mail: ro.raipur@aicofindia.com प्रधान
कार्यालय प्लेट बी एवं सी, पांचवा तल, ब्लाक-1, पूर्व किदवई नगर, नई दिल्ली 110023 

आई.आर.-13 website: www.aicofindia.com होने पर 774312 CIN U74999OL2002PLC118123

टोल फ्री -1800 419 0344

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