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बोनस का पैसा खाते में नहीं आया तो क्या करना होगा , मृत कृषक/खाता बंद हो चुके कृषको का बोनस का फॉर्म की पूरी जानकारी ! Download Form

राज्य शासन द्वारा धान उपार्जन वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 में समर्थन मूल्य पर विक्रय किये गये धान पर कृषकों को 300/- प्रति क्विटल के मान से बोनस राशि देने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2014-15 एवं 2015-16 के कृषकों में से कई किसानों के बैंक खाते, आई.एफ.एस.सी. कोड एवं खाता बंद हो जाने के कारण राशि का हस्तांतरण खातों में नहीं हो पा रहा हैं।

वर्तमान में ज्यादातर सहकारी समितियों के 10से 20%ऐसे कृषक है जिनका बोनस नही मिल पाया है। कई कृषकों का मैसेज आने के बाद भी बोनस की राशि खाते में जमा नही हुआ है।


2014 और 2015 में आप कितना क्विंटल धान बेचे थे और किसके नाम से बेचे थे जानने के लिए यहाँ क्लिक करें – CLICK HERE। -Bonus की स्थिति जानने के लिए यहाँ क्लिक करें CLICK HERE


बहुत से कृषक जिनका सत्र 2014_15/2015_16 समय बैंक खाता अन्य बैंक का था या वर्तमान में बैंक खाता चालू नही ,इसके साथ ही कुछ कृषक की मृत्यु हो चुकी है। उक्त सभी कृषकों के लिए शासन ने नई गाइडलाइन जारी किया है जिससे वे कृषक अपना आवेदन देकर बोनस प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे समस्त किसानों को जिन्हे आवेदन करना है उनकी सूची सहकारी समितियों में सूची उपलब्ध है।समिति के द्वारा सूचना ले सकते है, ताकि किसान अपने त्रुटीपूर्ण खातों का सुधार शीघ्रतापूर्वक करा सकें।

पूरी आवेदन प्रक्रिया ,आवश्यक दस्तावेज क्या है जानिए डिटेल में -

इसके लिए तहसील कार्यालय में आवेदन जमा करने है।आवेदन फॉर्म व अन्य दस्तावेज के फॉर्मेट नीचे दिए लिंक से डाऊनलोड कर सकते है। उक्त आवेदन पत्र को सबसे पहले अपने सहकारी समिति में सत्यापन करा कर तहसील में जमा करना होगा।


जारी दिशा निर्देश अनुसार निम्न दस्तावेज तैयार करना होगा

I.आवेदन पत्र
II. कृषक का मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति
III. वैद्ध वारिस का बैंक पासबुक की छायाप्रति
IV. वैद्ध वारिस का आधार कार्ड की छायाप्रति
V. बी-1 की छायाप्रति
VI. अन्य हिस्सेदारों का अनापत्ति के संबंध में शपथ पत्र


कृषकों की सुविधा हेतु रुके बोनस के लिए कृषक 3 कैटेगरी में दस्तावेज तैयार कर आवेदन कर सकते है!

I_पूर्व में विक्रेता कृषक की मृत्यु हो चुके है उनके वारिस/उत्तराधिकारी के द्वारा आवेदन (आवेदन पत्र(नीचे दिए लिंक से डाऊनलोड करें))

II.उत्तराधिकार/वंशावली प्रमाण पत्र सरपंच/पटवारी इत्यादि के हस्ताक्षर सहित।

III.एक से अधिक वारिस होने पर समस्त वारिस के द्वारा सहमति हेतु हस्ताक्षर किया सहमति प्रमाण पत्र।

IV.कृषक का मृत्यु प्रमाण पत्र।

V. वारिस/उत्तराधिकारी का बैंक खाते की छायाप्रति।

VI. वारिस/उत्तराधिकारी का आधार कार्ड की छायाप्रति।

VII. बी-1 की छायाप्रति



त्रुटीपूर्ण खातों का सुधार -

जिन किसानों के खातों में खाता क्रमांक, आई.एफ.एस.सी. कोड का सुधार किया जाना है। उन किसानों से सही खाता क्रमांक आई.एफ.एस.सी. कोड सुधार के लिए

I.आवेदन पत्र जमा करें।
IIआवदेन पत्र के साथ किसान के आधार कार्ड की छायाप्रति
III बैंक पासबुक की छायाप्रति प्राप्त की जावे।
IV जिन किसानों के खातें इनआपरेटिव हो गए है उनमें सुधार संबंधित बैंक शाखा स्तर से किया जाना है। उनके आवेदन पत्र प्राप्त कर संबंधित बैंक शाखा से खातें का सत्यापन कराकर खाता को सक्रिय कराया जावे तथा खातें में आवश्यक सुधार कर खाते का करेंट स्टेटस की छायाप्रति भी किसान के आवेदन पत्र के साथ जमा करें।


तहसीलदार द्वारा समिति के माध्यम से प्राप्त आवेदन का परीक्षण एवं सत्यापन करने के पश्चात इसका निराकरण ऑन लाईन तहसीलदार माडयूल में किया जावेगा।
तहसीलदार से ऑन लाईन निराकरण के पश्चात एन.आई.सी. के द्वारा किसान के खातें का पीएफएमएस से वैलिडेशन कराया जावेगा जिसके पश्चात एनआईसी द्वारा ऐसे खातों की भुगतान फाईल बैंक मुख्यालय को प्रदाय की जावेगी।
एनआईसी से भुगतान फाईल प्राप्त होने पर बोनस राशि का भुगतान बैंक मुख्यालय स्तर पर तत्काल किया जावेगा।


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